काव्य-सृजन
आओ! मिलकर हिंदी को आगे बढ़ाएं..जो विचार मन में दबे हैं उन्हें बाहर लाएं..ऐसी कल्पना जो अद्भुत हो..जो सबसे अलग हो उसको सामने लाएं..और जो इतिहास में महान कवि हुए हैं..उनको फिर से याद करें..उनकी पंक्तियों को फिर से दोहराएं..जिनकी कलम तलवारों से भी तेज़ चली..फिर से उन्हें काव्यांजलि चढ़ाएं..आओ! हिंदी को सवारे..आओ दोस्तों! मिलकर हिंदी को फिर से दुल्हन सा सजाएं..
Monday, August 9, 2021
आप(स्वरचित)
Monday, July 12, 2021
उपन्यास सम्राट कलम का सिपाही 'प्रेमचंद'
सुप्रसिद्ध साहित्यकारों के मूल नाम के साथ कभी-कभी कुछ उपनाम या विशेषण ऐसे घुल-मिल जाते हैं कि साहित्यकार का मूल नाम तो पीछे रह जाता है और यह उपनाम या विशेषण इतने प्रसिद्ध हो जाते हैं कि उनके बिना कवि या रचनाकार का नाम अधूरा लगने लगता है। साथ ही मूल नाम अपनी पहचान ही खोने लगता है। भारतीय जनमानस की संवेदना में बसे उपन्यास सम्राट 'प्रेमचंद' जी भी इस पारंपरिक तथ्य से अछूते नहीं रह सके।उनका नाम यदि मात्र प्रेमचंद लिया जाय तो अधूरा सा प्रतीत होता है। | |
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Friday, March 19, 2021
शेख-आलम
आलम ब्रजभाषा के प्रमुख मुसलमान कवियों में से एक हैं। कहते हैं ये जन्म के ब्राह्मण थे। एक बार शेख नाम की रंगरेजिन को इनकी पगडी में एक आधा दोहा बँधा मिला,
Wednesday, March 17, 2021
# हकीकत
Friday, March 5, 2021
#खूबसूरत पंक्तियां
#खूबसूरत पंक्तियां: हौसला
Sunday, February 21, 2021
#खूबसूरत पंक्तियां
Thursday, October 15, 2020
अंतिम पेपर का अंतिम सवाल (स्वरचित कविता)
मींरा (1498-1573 ईसवी)
*मीराबाई(1498-1573) सोलहवीं शताब्दी की एक कृष्ण भक्त और कवयित्री थीं।
Tuesday, October 13, 2020
पहली पोस्टिंग का एहसास (स्वरचित कविता)
Sunday, September 27, 2020
अपनी हिंदी( स्वरचित कविता)
अधूरा है संसार बिना बेटियां (स्वरचित कविता)
Monday, September 14, 2020
मेरे पति का दफ्तर (स्वरचित कविता)
14 सितंबर 'हिंदी दिवस'
*प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र में संबोधित कर चुके हैं। वह देश के लिए सम्मान और गौरव के क्षण थे।
*इससे पहले बीते वर्ष देश के सम्मान में उस समय और अधिक इजाफा हुआ था जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने ट्विटर पर हिंदी में अपना अकाउंट बनाया और हिंदी भाषा में ही पहला ट्वीट किया। पहले ट्वीट में लिखा संदेश पढ़कर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र संघ ने फेसबुक पर भी हिंदी पेज बनाया है।
*सन्1918 में गांधीजी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था।
*14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित है:
*संघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
इस कारण ऐसे लोग जो हिन्दी का ज्ञान रखते हैं या हिन्दी भाषा जानते हैं, उन्हें हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का बोध करवाने के लिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है
जिससे वे सभी अपने कर्तव्य का पालन कर हिन्दी भाषा को भविष्य में विलुप्त होने से बचा सकें।
-लेकिन लोग और सरकार दोनों ही इसके लिए उदासीन दिखती है।हिन्दी को आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बनाया जा सका है।
*इसे विडंबना ही कहेंगे कि योग को 177 देशों का समर्थन मिला, लेकिन हिन्दी के लिए 129 देशों का समर्थन क्या नहीं जुटाया जा सकता?
* हिंदी की बिंदी मेरा पहला कदम है।
* गर्व इस बात पर नहीं कि कहां तक जाएगा जबकि इस बात पर है कि बढ़ रहे पाश्चात्यकरण की स्थिति में मेरा यह कदम एक हिंदुस्तानी की आत्मा का प्रतिदर्शी होगा।
Friday, September 11, 2020
आज दादा जी का श्राद्ध था (स्वरचित कविता)
Saturday, September 5, 2020
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 में पिता सेठ रामचरण कनकने और माता काशी बाई की तीसरी संतान के रूप में उत्तर प्रदेश में झांसी के पास चिरगांव में हुआ।
Friday, September 4, 2020
वह मेरी शिक्षिका थी (स्वरचित कविता)
बचपन में मां जिसके भरोसे मुझे स्कूल छोड़कर निश्चिंत लौट जाया करती थी..
Monday, August 31, 2020
मेरे स्कूल के दिन (स्वरचित कविता)
मेरे स्कूल के दिन...
Saturday, August 29, 2020
वो बारिश की पहली बूंद (स्वरचित कविता)
वो बारिश की पहली बूंद,
Thursday, August 27, 2020
प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत
Wednesday, August 26, 2020
कवि हरिवंश राय बच्चन (हालावादी कवि)
आप का जन्म 27 नवंबर 1907 के दिन बापूपट्टी गाँव, जिला प्रतापगढ़ में हुआ था। उनकी प्रसिद्ध रचना “मधुशाला” आज भी श्रोताओं का मन मोह लेती है। श्रेष्ठतम कवि बच्चन जी कविता और लेखन योगदान के लिए पद्म भूषण विजेता भी बने।वह एक कायस्थ परिवार से थे। उनके माता-पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और सरस्वती देवी था। छोटी आयु में उन्हे बच्चन नाम से पुकारा जाता था। जिसका अर्थ “बच्चा” होता है। जिस कारण आगे चल कर उनका सरनेम “बच्चन” हुआ। हकीकत में उनका सरनेम श्रीवास्तव है। आपकी रचनाएं:
5 सितंबर का दिन था (स्वरचित कविता)
Tuesday, August 25, 2020
सफर, लाडो से लाडी तक का (स्वरचित कविता)
Sunday, August 23, 2020
महादेवी वर्मा आधुनिक मीरा
कामायनीकार जयशंकर प्रसाद छायावादी चतुष्टय के कवि
आप(स्वरचित)
मेरी सबसे कठिन परीक्षा है आप तो मेरी सबसे सरल सफलता हैं आप मेरा सबसे मजबूत विश्वास है आप तो सबसे कोमल स्पर्श हैं आप मेरा सबसे कीमती गहना है ...
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क्या तारीफ ए काबिल है?बर्दाश्त की यह हद दिनों दिन फेंकी जा रही है,मौतें बारूदो में लद अचरज नहीं है,मुझे आतंकवादियों की गति से अचरज है,मुझे अ...
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एक अनजाने घर के सामने एक अनजानी गली की राह में, गाड़ी रोकी मेरी किस्मत ने घबराहट थी दिल की थाह मेंl सब लोग दौड़ पड़े मेरी ओर, लाडी आई सुनाई ...
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मेरी सबसे कठिन परीक्षा है आप तो मेरी सबसे सरल सफलता हैं आप मेरा सबसे मजबूत विश्वास है आप तो सबसे कोमल स्पर्श हैं आप मेरा सबसे कीमती गहना है ...